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रामपुर।
शिक्षा सत्र शुरू होने के छह माह बाद भी बेसिक स्कूलों को कंपोजिट ग्रांट नहीं मिली है। ऐसे में स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को चाक, डस्टर से लेकर स्कूल की अन्य जरूरत का सामान अपने पैसों से खरीदना पड़ रहा है। इतना ही नहीं 2021-22 और 2022-23 में आयोजित वार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का पैसा भी अभी तक शिक्षकों को नहीं मिला है।
बेसिक स्कूलों में बच्चों के हिसाब से कंपोजिट ग्रांट का पैसा मिलता है। इस पैसे से अध्यापक चाक से लेकर हाथ धोने के लिए साबुन, टॉयलेट क्लीनर सहित स्कूलों में जरूरत की चीजें खरीदते हैं। साथ ही स्कूलों में रंगाई पुताई भी कराई जाती है। इस पैसे से स्वच्छता सामग्री, आवश्यकता अनुसार सामान और लघु मरम्मत आदि पर कंपोजिट ग्रांट का पैसा लगाना होता है। 31 मार्च तक यह पैसा खर्च किया जाता है। अप्रैल से शुरू हुए नए शैक्षिक सत्र को छह माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक ग्रांट स्कूलों को नहीं मिला है। शिक्षक कंपोजिट ग्रांट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
उत्तर पुस्तिकाओं का नहीं मिला बजट
डीसी प्रशिक्षण रफत अली ने बताया कि 2021-22 और 2022-23 में आयोजित परीक्षा में उत्तर पुस्तिका का कोई बजट शासन से नहीं मिला है। इसी कारण शिक्षकों को नहीं दिया गया। वहीं शिक्षकों ने रिजल्ट कार्ड स्वयं खरीदकर बच्चों को दिए। उसका भी पैसा अभी तक नहीं आया है।
स्कूलों में बच्चों के हिसाब से मिलती है ग्रांट
बच्चे ग्रांट
1 से 30 बच्चे 10,000
31 से 100 बच्चे 25,000
101 से 250 बच्चे 50,000
251 से अधिक बच्चे 75,000
– शासन स्तर से कंपोजिट ग्रांट जारी होता है। इसके लिए पत्राचार कर चुका हूं। जल्द कंपोजिट ग्रांट मिलने की उम्मीद है। -संजीव कुमार,
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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