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रामपुर। स्वार कोतवाली क्षेत्र में छात्रा के साथ डेढ़ साल पहले अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने युवक को बीस साल की कैद व जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।दुष्कर्म का यह मामला स्वार कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है। 27 जनवरी 22 को आरोपी अंकित कक्षा दस में पढ़ने वाली छात्रा को बहलाफुसलाकर ले गया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले की रिपोर्ट पुलिस ने अंकित के खिलाफ दर्ज करते हुए उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। शनिवार को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद मुकदमे का फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी अंकित को दोषी मानते हुए बीस साल की कैद व 55 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।
छेड़खानी में आरोपी तीन साल की कैद
रामपुर। शहजादनगर क्षेत्र में किशोरी के साथ छेड़खानी के एक मामले में कोर्ट ने एक आरोपी को तीन साल की कैद व जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। 30 मई 22 को क्षेत्र के एक गांव निवासी ग्रामीण ने नईम के खिलाफ पुत्री के साथ छेड़खानी करने का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए शनिवार को आरोपी को सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक सुमित शर्मा ने बताया कि आरोपी नईम को कोर्ट ने तीन साल की कैद व 13100 रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।
जानलेवा हमले में छेड़खानी में तीन को सजा
रामपुर। जानलेवा हमले व छेड़खानी के एक मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों को अलग-अलग सजा सुनाई है। यह मामला टांडा थाना क्षेत्र के एक गांव का है। गांव निवासी एक ग्रामीण ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि उसकी बहन हैंडपंप से पानी लेने गई थी। छह जुलाई 17 को आरोपियों ने उसके साथ छेड़खानी की व विरोध करने पर उसके भाई के साथ मारपीट की। पुलिस ने मामले की तफ्तीश के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। विशेष लोक अभियोजक सुमित शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने इस मामले में फिरोज को सात साल की कैद व 16 हजार रुपये जुर्माना, फुरकान व रजब को तीन-तीन साल की कैद व छह-छह हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है।
गैंगस्टर के आरोप से चार बरी
रामपुर। गैंगस्टर के आरोप से चार लोगों को बरी कर दिया गया है। गंज थाने के दरोगा अजय दीक्षित ने 2002 में गैंग लीडर असद और उसके साथियों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की थी। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता जयदीप माथुर ने बताया कि साक्ष्य के अभाव में राहत, यासीन उर्फ चुन्नी व जरीफ व हनीफ को बरी कर दिया।
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