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रामपुर। एशियन गेम्स में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के स्वर्ण पदक जीतने पर पूरे देश में खुशी की लहर है। वहीं रामपुर के हॉकी खिलाड़ियों की बदकिस्मती ऐसी है कि जिले में दो एस्ट्रोटर्फ मैदान होने के बावजूद वे घास के मैदान में अभ्यास करने को मजबूर हैं। ऐसे में जब ये खिलाड़ी बाहर जाते हैं और उन्हें एस्ट्रोटर्फ पर खेलना पड़ता है तो उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं हो पाता। सींगनखेड़ा में बना एस्ट्रोटर्फ मैदान बंद पड़ा है तो वहीं पनवड़िया स्थित स्टेडियम उपेक्षा का शिकार हो गया। हालांकि, अब इस स्टेडियम की मरम्मत का काम शुरू हुआ है। ऐसे में हॉकी खिलाड़ियों को उम्मीद जगी है कि जल्द ही उन्हें एस्ट्रोटर्फ मैदान मिल जाएगा।
सींगनखेड़ा स्पोर्ट्स स्टेडियम
सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मोहम्मद आजम खां ने सींगनखेड़ा में स्पोर्ट्स स्टेडियम के निर्माण को मंजूरी दिलाई थी। इस स्पोर्ट्स स्टेडियम में बैडमिंटन, निशानेबाजी, कुश्ती, हॉकी, तैराकी समेत कई खेलों के लिए मैदान, तरणताल व हॉल तैयार किए जाने थे। पहले चरण में हॉकी स्टेडियम बना। जिसमें एस्ट्रोटर्फ मैदान के साथ ही करीब 20 हजार दर्शकों की क्षमता का स्टेडियम बनाया गया। स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसमें कई हॉकी टूर्नामेंट भी हुए थे। हॉकी स्टेडियम के अलावा यहां बास्केटबॉल कोर्ट और कुश्ती रिंग भी है, लेकिन विवाद में आने के बाद जब जौहर यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई हुई तो ये स्टेडियम भी बंद कर दिया गया।
पनवड़िया स्पोर्ट्स स्टेडियम
पनवड़िया स्थित नवाब जुल्फिकार अली एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान रामपुर का बेहद शानदार स्टेडियम माना जाता था। इसका निर्माण 1990 में हुआ था और 1998 में यहां पर छात्रावास बना दिया गया था। बाहर से खिलाड़ी आकर यहां रहकर अभ्यास करते थे। समय के साथ उपेक्षा के चलते यह स्टेडियम बदहाल हो गया। इसका एस्ट्रोटर्फ खराब हो गया और जगह-जगह घास उग आई। इसके बाद खिलाड़ियों ने आना बंद कर दिया। यह स्टेडियम करीब 2012-13 में बंद हो गया। तब से हॉकी खिलाड़ी बमनपुरी स्टेडियम में घास के मैदान पर अभ्यास करते हैं। हालांकि, शासन से बजट स्वीकृत होने के बाद अब पनवड़िया स्टेडियम में नया एस्ट्रोटर्फ बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। साथ ही पवेलियन और अन्य सुविधाएं भी बेहतर की जाएंगी। ऐसे में खिलाड़ियों को उम्मीद है कि जल्द ही वह एस्ट्रोटर्फ पर अभ्यास कर सकेंगे।
क्या कहते हैं हॉकी खिलाड़ी
जिले में दो-दो एस्ट्रोटर्फ मैदान होने के बाद भी हॉकी खिलाड़ियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। खिलाड़ी मजबूर होकर घास के मैदान पर अभ्यास करते हैं। ऐसे में जब खिलाड़ी बाहर जाकर एस्ट्रोटर्फ पर खेलते हैं तो असफल हो जाते हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। -योगिता बोरा, हॉकी खिलाड़ी
हॉकी महिला खिलाड़ियों के लिए एक पसंदीदा खेल है, लेकिन अपने ही शहर में इस तरह की बेरुखी से अफसोस होता है। रामपुर के अंदर दो एस्ट्रोटर्फ बने हुए हैं, लेकिन खिलाड़ियों को किसी का भी लाभ नहीं मिल सका। प्रशासन को हस्तक्षेप कर बंद स्टेडियम को खुलवाना चाहिए और खराब मैदान को जल्द से जल्द सही कराना चाहिए।
-नेहा सिंह, हॉकी खिलाड़ी
दोनों एस्ट्रोटर्फ मैदान बंद होने के कारण हॉकी खिलाड़ी मजबूर होकर शहीद-ए-आजम स्पोर्ट्स स्टेडियम में घास के मैदान पर अभ्यास करते हैं। जौहर यूनिवर्सिटी से सटा सींगनखेड़ा स्टेडियम खुलवाया जाना चाहिए। हालांकि, पनवड़िया स्टेडियम की मरम्मत का कार्य शुरू होने से जल्द ही एस्ट्रोटर्फ मैदान मिलने की उम्मीद जगी है।
-अजीत कुमार, हॉकी खिलाड़ी
हॉकी के लिए स्टेडियम में व्यवस्थाएं हैं। कोच के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसमें पनवड़िया हॉकी का अलग से एस्ट्रोटर्फ बनाया जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद खिलाड़ी वहां अभ्यास कर सकेंगे। सींगनखेड़ा का हॉकी स्टेडियम खुलवाने के प्रयास भी किए जाएंगे। -गदाधर बारीकि, जिला क्रीड़ाधिकारी, रामपुर
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