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Rampur News: जौहर विश्वविद्यालय पर फिर आयकर विभाग ने मारा छापा, खंगाले दस्तावेज

Rampur News: जौहर विश्वविद्यालय पर फिर आयकर विभाग ने मारा छापा, खंगाले दस्तावेज

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रामपुर।

सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम के जेल जाने के अगले दिन बृहस्पतिवार को आयकर की टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी पर फिर छापा मारा। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपी़डब्ल्यूडी) के साथ मिलकर आयकर टीम द्वारा की गई कार्रवाई का मकसद जौहर यूनिवर्सिटी में बने भवनों का सटीक मूल्यांकन बताया जा रहा है। टीम ने यूनिवर्सिटी परिसर की हर चीज को बारीकी से देखा। तमाम दस्तावेज भी खंगाले।

सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचकर मूल्यांकन सर्वेक्षण किया। यह सर्वेक्षण आजम और उनके परिवार के खिलाफ कथित कर चोरी की जांच के तहत किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यूनिवर्सिटी में बने भवनों की जितनी कीमत दर्शाई जा रही है, वास्तविक कीमत उससे कई गुना ज्यादा है। इसकी तह तक जाने के उद्देश्य से ही इस बार आयकर टीम के साथ सीपीडब्ल्यूडी के विशेषज्ञ भी शामिल हैं।

आयकर टीम यूनिवर्सिटी परिसर में बृहस्पतिवार देर रात तक सक्रिय रही। इस बीच टीम ने यूनिवर्सिटी के कार्यालय में रखे दस्तावेजों में कई को स्कैन किया। इसके अलावा कुछ अन्य दस्तावेज भी खंगाले। कहा जा रहा है कि दस्तावेजों में दर्ज डिटेल और भवनों के मूल्यांकन से सामने आने वाली कीमत में अंतर पाए जाने पर आजम की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

पिछले माह जौहर यूनिवर्सिटी और आजम के घर पर पड़े थे आयकर छापे

आयकर विभाग की टीम एक माह के भीतर दूसरी बार रामपुर पहुंची है। 13 सितंबर को आयकर विभाग की टीम ने यूपी और मध्य प्रदेश में 30 परिसरों पर छापे मारे थे। रामपुर में छह से ज्यादा टीमें आई थीं। इस दौरान टीमों ने सपा नेता आजम खां के घर पर 60 घंटे तक छानबीन व पूछताछ की थी। आजम के करीबी एवं चमरौवा के सपा विधायक नसीर अहमद समेत कुछ अन्य के आवासों पर भी आयकर टीमें पहुंची थीं। आयकर विभाग की टीम रामपुर में तीन दिन रही थी। इस बीच कई लोगों से पूछताछ की थी।

यूनिवर्सिटी पर दो हजार रुपये करोड़ खर्च का शक

सूत्रों का कहना है कि उच्चाधिकारियों की फौरी जांच में पाया गया है कि जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण पर करीब दो हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। खातों में निर्माण खर्च 100 करोड़ रुपये के आसपास दर्शाया गया है। अब सीपी़डब्ल्यूडी विशेषज्ञों के साथ आयकर की टीम दस्तावेजी खर्च और वास्तविक व्यय राशि का अंतर पकड़ने में लगी है।

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