[ad_1]
शाहबाद (रामपुर)।
रामपुर से बेटी और पुत्रवधू की दवाई लेने जा रहे किरा गांव निवासी होरीलाल (52) की बाइक में रामपुर-शाहबाद रोड पर किरा तिराहे के पास रामपुर की ओर से आ रहे तेज रफ्तार टैंकर ने टक्कर मार दी। हादसे में होरीलाल और उनकी बेटी रेनू (24) की मौत हो गई। जबकि उनकी पुत्रवधू पूजा गंभीर रूप से घायल हो गई।
शाहबाद थाना क्षेत्र के गांव किरा निवासी होरी लाल मंगलवार की सुबह साढ़े दस बजे बेटी रेनू और पुत्रवधू पूजा को दवाई दिलाने के लिए बाइक से रामपुर जा रहा थे। शाहबाद-रामपुर रोड स्थित किरा तिराहे पर रामपुर की दिशा से आ रहे तेज रफ्तार टैंकर ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर लगने पर तीनों टैंकर के अगले पहिए के नीचे आ गए। जिसमें रेनू की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि होरीलाल और उनकी पुत्रवधू गंभीर रूप से घायल हो गए। आरोपी चालक कुछ दूरी पर टैंकर को छोड़कर फरार हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही रेवड़ी चौकी पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा। जहां पर करीब तीन घंटे उपचार के बाद होरीलाल ने भी दम तोड़ दिया। पुलिस ने पिता-पुत्री के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में शाम तक कोई तहरीर नहीं मिली है। आरोपी चालक की तलाश की जा रही है।
रेनू की तय हो गई थी शादी
मृतक रेनू की परिजनों ने शादी तय कर दी थी। बेटी की शादी तय होने से परिजनों में खुशी का माहौल था। पिता होरी लाल बेटी की शादी की तैयारियों में जुटे थे। लेकिन किसी को नहीं पता था कि एक ही साथ पिता-पुत्री की मौत हो जाएगी। मंगलवार को जैसे ही परिजनों को हादसे में पिता-पुत्री की मौत की सूचना मिली तो सभी खुशियां काफूर हो गईं।
सांकेतिक बोर्ड न होना तीव्र मोड़ और तिराहे-चौराहे पर हादसे का सबब
शाहबाद।
शाहबाद रामगंगा पुल से लेकर मतवाली तक तकरीबन चार तीव्र मोड़, पांच तिराहे और चौराहे है। तीव्र मोड़ और तिराहे-चौराहों पर सांकेतिक बोर्ड, सड़कों के बीच सेंटर लाइन और एज लाइन न होना हादसों का सबब बन रहा है। अब तक सैकड़ो लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
मोड़ और चौराहों पर सांकेतिक बोर्ड न होने के कारण लोगों को चौराहों और तीव्र मोड़ का अंदाजा नहीं हो पता है। जिस कारण लोग सड़क हादसों का शिकार हो जाते है और सैकड़ो लोगों को अपनी जान गंवा देते हैं। साथ ही शाहबाद रोड पर सड़क के बीच सेंटर लाइन और सड़कों के दोनों ओर एज लाइन भी मिट चुकी है। सड़क के सेंटर लाइन में लगी कैट आइज़ भी हट गई है। बीते वर्षों में इन मोड़ों पर हादसों में 100 से ज्यादा लोगों की जान चुकी है।
[ad_2]
Source link