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Rampur News: प्राइवेट लैब की जांच में निकल रहा मलेरिया, सरकारी में पुष्टि नहीं

Rampur News: प्राइवेट लैब की जांच में निकल रहा मलेरिया, सरकारी में पुष्टि नहीं

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रामपुर। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी व निजी नर्सिंग होम, क्लीनिकों पर बुखार के रोगियों की भरमार है। जिला अस्पताल सहित सीएचसी पर बुखार के रोगियों में मलेरिया की पुष्टि नहीं हो रही है। चार दिन में 622 बुखार के रोगियों की मलेरिया की जांच की गई। जबकि यही मरीज प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में जांच करा रहे हैं तो उन्हें मलेरिया की पुष्टि हो रही है। वहीं चार दिन में डेंगू के 86 रोगी चिह्नित किए गए हैं।

शहरी क्षेत्र के अलावा शाहबाद, सैदनगर और चमरौआ ब्लॉक बुखार से प्रभावित हैं। यहां हर तीसरे घर में कोई न कोई बुखार से पीड़ित चल रहा है। देहात के इन गांवों में बुखार का प्रकोप फैला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निगरानी किए हुए हैं। बीमार लोगों की जांच व उपचार का हो रहा है। कुछ लोग सरकारी अस्पताल में पहुंचकर इलाज करा रहे हैं तो कुछ लोग निजी क्लीनिक सहित नर्सिंग होम में उपचार करा रहे हैं। निजी पैथोलॉजी पर जांच में कई बुखार पीड़ितों को मलेरिया की पुष्टि हो रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में मलेरिया के बहुत कम मामले सामने आ रहे हैं।

जनवरी से अब तक जिले में 95 लोगों को मलेरिया हुआ है। जबकि 369 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। बीते चार दिनों में सीएचसी और जिला अस्पताल में कुल 622 लोगों की मलेरिया जांच की गई है। इसमें किसी को भी मलेरिया नहीं निकला है। चार दिनों में 86 लोगों को डेंगू हुआ है।

केस एक

मिलक ब्लॉक के गांव लोहापट्टी निवासी आजाद को पांच दिन से बुखार आ रहा था। दो दिन पहले जिला अस्पताल में जांच कराई। यहां मलेरिया की रिपोर्ट निगेटिव आई। शुक्रवार को शहर की एक पैथोलॉजी पर जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजीटिव आई।

केस दो

शहर में रहने वाले आसिफ को पांच दिन पहले बुखार आया। उन्होंने निजी लैब से जांच कराई तो मलेरिया निकला। इसके बाद निजी डॉक्टर की दवा से आराम न होने पर वह इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। यहां जांच रिपोर्ट में मलेरिया अथवा डेंगू की पुष्टि नहीं हुई। वायरल बुखार के लक्षण मिले। जिसके आधार पर उनका इलाज शुरू हुआ।

आंकड़ों पर एक नजर

जनवरी से अब तक आए मलेरिया केस- 95

डेंगू के कुल केस- 369

सरकारी अस्पतालों में मलेरिया की जांच पहले कार्ड से की जाती है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर माइक्रोस्कोप से जांच होती है। जांच कराई जाएगी कि निजी पैथोलॉजी लैब पर किस विधि से जांच की जा रही है। गलत रिपोर्ट देने वाले लैब संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. एसपी सिंह, सीएमओ

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