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रामपुर। फर्जी नियुक्ति कर राजकोष से 22 लाख रुपये दिए जाने के आरोप में शहर के ऊंची चौपाल स्थित जवाहरलाल पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापिका ज्ञानेश्वरी देवी और विद्यालय की प्रबंधक रफत बेगम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। बीएसए के आदेश पर नगर शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। शिक्षक नेता आनंद प्रकाश गुप्ता ने शासन से फर्जी नियुक्ति की शिकायत की थी।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता ने फरवरी 2023 में डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ से विद्यालय में ज्ञानेश्वरी नाम की महिला की फर्जी नियुक्ति की शिकायत की थी। ज्ञानेश्वरी देवी बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत एक बाबू की पत्नी हैं। मुख्य विकास अधिकारी नंदकिशोर कलाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति की ओर से प्रकरण की जांच कराई गई। जांच आख्या में यह सामने आया कि ज्ञानेश्वरी नाम की महिला की इस विद्यालय में फर्जी नियुक्ति है। बीएसए की ओर से इनको नियुक्ति पत्र भी नहीं दिया गया था।
वर्ष 2011 में इस विद्यालय में शिक्षिका के पद के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसमें 30 लोगों ने आवेदन किया था। ज्ञानेश्वरी की जगह अशरफ नाम के युवक का चयन इस पद के लिए हुआ। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर पांच अप्रैल 2023 को डीएम ने बीएसए को दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद तत्कालीन बीएसए कल्पना सिंह ने मामले में विधिक राय भी ली। शासकीय अधिवक्ता की ओर से इस मामले में महिला ज्ञानेश्वरी के पति और तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी को दोषी मानते हुए एफआईआर की संस्तुति की थी।
वर्तमान बीएसए संजीव कुमार ने 18 सितंबर को फर्जी नियुक्ति कर राजकोष से 22 लाख रुपये की धनराशि दिलाए जाने के आरोप में सहायक अध्यापिका ज्ञानेश्वरी देवी और स्कूल प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए थेे। अब जाकर नगर क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार सक्सेना ने फर्जी कागजात तैयार कर धोखाधड़ी से नौकरी हासिल करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई।
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