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रामपुर। हर दिन के साथ मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है, लेकिन जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर कम होते चले गए। जिले के स्वास्थ्य महकमे के पास शानदार इमारत से लेकर संसाधन तो भरपूर हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी से जिले के रोगियों को हर रोज परेशान होना पड़ता है। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी-पीएचसी तक डॉक्टरों की कमी बनी हुई है।
रामपुर में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित है। हालांकि, यह प्रक्रिया बीते डेढ़ वर्ष से अधर में लटकी है। उससे पहले जिला मुख्यालय पर स्थापित अस्पताल पर नजर डालें तो स्थिति बेहद खराब है। एक साल में जिला अस्पताल में बाल रोग और मनोरोग के डॉक्टर कम हो गए। दोनों नौकरी छोड़कर चले गए। इसके अलावा हृदय रोग विशेषज्ञ और सर्जन भी लंबे समय से यहां पर नहीं है। ऐसे में रोगियों को देखने के लिए अस्पताल में जनरल फिजीशियन का सहारा है।
हालांकि, नाक, कान, गला रोग के विशेषज्ञ और हडि्डयों के डॉक्टर भी रोगियों को देखते हैं। आंकड़ों के अनुसार जिला अस्पताल में डॉक्टराें के 27 पद सृजित हैं। इनमें से केवल 12 पदों पर ही डॉक्टर की तैनाती है। शेष पद खाली पड़े हुए हैं। वहीं महिला अस्पताल में सृजित 11 पदों की जगह सिर्फ पांच डॉक्टरों की तैनाती है। जिले में तहसील मुख्यालय पर बनीं पांच सीएचसी और 39 पीएचसी में डॉक्टरों के 92 पद सृजित हैं। इनमें से 55 पदों पर ही डॉक्टरों की तैनाती है। डॉक्टरों की कमी की वजह से जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी-पीएचसी तक स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ती नजर आती हैं। मरीजों को निजी अस्पताल भागना पड़ता है।
नहीं बन पाया 300 बेड का अस्पताल
जिला अस्पताल में रोगियों को भर्ती करने के लिए 150 बेड की सुविधा है। ये बेड इमरजेंसी, मेेडिकल व सर्जिकल वार्डों को मिलाकर हैं। एक साल पहले 300 बेड का अस्पताल किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हुआ। ऐसे में वायरल बीमारियों के समय रोगियों को बेड मिलना भी मुश्किल हो जाता है।
दो साल में 219 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले
ग्रामीण इलाकाें में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने के लिए सब सेंटर को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में परिवर्तित किया गया है। इस प्रकार दो साल में जिले में 219 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनकर तैयार हो चुके हैं। प्रत्येक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की तैनाती है। यहां पर रोगियों को ऑनलाइन परामर्श भी मिल रहा है।
बोले सीएमओ
जिले में ग्रामीण इलाकों में हमनें स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाई हैं। 219 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले हैं जिन पर रोगियों को सीएचओ देख रहे हैं। यहां पर रोगियों को डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श की सुविधा भी मिल रही है।
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। इनको पूरा करने के लिए शासन से हर माह मांग की जाती है। इस बार भी रिक्त पदों की सूचना दे दी गई है। नई भर्तियां होने पर डॉक्टरों की कमी दूर होने की उम्मीद है।
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