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रामपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में अपनी ही गोली से सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे। इस बात का खुलासा कारतूस कांड के मुख्य आरोपी यशोदानंदन की डायरी से हुआ था। डायरी में साफ लिखा था कि पुलिस और सीआरपीएफ के शस्त्रागार से कारतूस चोरी कर लिए जाते थे और फिर इनको नागरिकों के जरिए नक्सलियों के जरिए पहुंचाया जाता था। बदले में नक्सली मुंह मांगी कीमत भी अदा करते थे।
छह अप्रैल 2010 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में गश्त के दौरान सीआरपीएफ की टुकड़ी पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था। इस ताबड़तोड़ हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे। विवेचना के दौरान बरामद गोली प्रतिबंधित बोर 9 एमएम पाई गई थी जो कि सरकारी होती है। इसके बाद सरकारी तंत्र के कान खड़े हो गए। इस मामले की जांच बैठाई गई। जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी गई थी। एसटीएफ की टीम ने बिहार, यूपी, छत्तीसगढ़ समेत प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पहला सूत्रधार प्रयागराज निवासी पीएसी के रिटायर्ड दरोगा यशोदानंदन की रामपुर में हुई गिरफ्तारी के बाद सामने आया। पुलिस ने इसके साथ ही सीआरपीएफ के दो हवलदार विनोद पासवान और विनेश कुमार को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस ने लंबी पूछताछ के बाद बीस वर्दीधारी व चार नागरिकों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में साफ लिखा था कि आरोपियों के बैंक खातों में नक्सलियों से धनराशि आती थी। पुलिस ने चार्जशीट में यह भी लिखा कि आरोपियों के बैंक खातों में पैसा जमा करने का काम मुख्य आरोपी यशोदानंदन ही करता था। पुलिस ने चार्जशीट में यह भी लिखा था कि नक्सलियों को सप्लाई होने वाले हथियार व कारतूस यूपी पुलिस, पीएसी व सीआरपीएफ के माल खानों से चोरी होते थे और नक्सलियों तक नागरिकों के माध्यम से पहुंचा करते थे। संवाद
नेपाल के रास्ते से नक्सलियों तक पहुंचती थी सप्लाई
रामपुर। नक्सलियों तक हथियारों व कारतूस की सप्लाई नागरिकों के माध्यम से नेपाल के रास्ते से होती थी। इस मामले की विवेचना से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मुताबिक हथियारों की सप्लाई नेपाल के रास्ते छत्तीसगढ़ तक पहुंचती थी। सप्लाई की जिम्मेदारी आम नागरिकों को मोटी रकम देकर कराई जाती थी। संवाद
दंतेवाड़ा कांड ने पूरे देश को हिलाया था
रामपुर। दंतेवाड़ा में नक्सलियों के हमले में 76 जवानों के शहीद होने के बाद पूूरे देश में जबर्दस्त आक्रोश छा गया था। केंद्र से लेकर यूपी समेत अन्य राज्यों की सरकार में शोक व्याप्त हो गया था। सरकारी तंत्र हरकत में आ गया था। जांच एजेंसियां हर एंगल पर जांच कर कर रही थीं। संवाद
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