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Rampur News: सुस्ती और लापरवाही से नहीं हो पा रहे ठेके, भुगत रहे हैं लोग

Rampur News: सुस्ती और लापरवाही से नहीं हो पा रहे ठेके, भुगत रहे हैं लोग

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रामपुर।

नगरपालिका परिषद में राजस्व की हानि का मुख्य कारण कर्मचारियों की सुस्ती और लापरवाही ही है, जिससे साल गुजरने पर भी व्यवस्थाएं बेहतर नहीं हो सकी है। कई योजनाओं से जुड़े ठेके नहीं हो सके हैं और पिछले ठेके हुए भी तो ठेकेदार बकाया देकर नहीं गए। कई पिछले ठेकों का बकाया नहीं मिल सका है। ऐसे में उनको नोटिस और आरसी भेजकर इतिश्री कर ली गई। आलम यह है कि योजनाओं के परवान न चढ़ने की वजह से ही बापू मॉल की किश्त आज भी नगर पालिका सरकार को चुका रही है। जिससे वित्तीय व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है।

टैंपो स्टैंड : 2022 में टैंपो स्टैंड का ठेका 1.3 करोड़ का हुआ था। एक साल तक ठेकेदार इसको चलाता रहा, लेकिन पैसा जमा नहीं किया गया। जब साल पूरा हो गया और वह महज पांच लाख रुपये देकर वापस नहीं लौटा तो कर्मचारियों को होश आया और फिर नोटिस की कार्रवाई चलती रही। जिसके बाद भी बकाया नहीं दिया तो फिर आरसी काटी गई। लगातार ठेकेदार की तरफ से लापरवाही होती रही, लेकिन जब वह पैसा लेकर भाग गया तब कर्मचारियों को होश आया, जिससे राजस्व को घाटा हुआ। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा। अवैध टैंपो स्टैंड पर चालकों से वसूली हो रही है। इसके बाद चालक भी सवारियों से मनमाना शुल्क ले रहे हैं।

फ्लैक्सी बोर्ड :

2022 में होर्डिंग-बैनर का ठेका किया गया था। यह ठेका करीब सवा तीन लाख रुपये का था। जिसमें बैनर पोस्टर लगाने पर अनुमति के साथ दरों के हिसाब से शुल्क जमा करना होता है, लेकिन अनदेखी और सुस्ती की वजह से नगर पालिका को इसका राजस्व भी नहीं मिल सका। अनुमति न होने पर फ्लैक्सी या बैनर-पोस्टर लगाने पर कार्रवाई हो रही है। पिछले वर्ष हुए ठेके के बाद ठेकेदार ने पालिका को पैसा नहीं लौटाया है, जिस वजह से उनकी आरसी भी काट दी गई है। इसके बाद से कोई नया ठेका नहीं हुआ है। ठेका न होने के बाद भी शौकत अली रोड, सिविल लाइन, ज्वालानगर और अजीतपुर में तरह-तरह से पोस्टर बैनर और होर्डिंग टंगे हुए हैं, जिनको उतरवाने के लिए पालिका ने जहमत नहीं उठाई है।

डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन : शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है। नगरपालिका में खड़े वाहन भी वार्डों में रोजाना नहीं जा पा रहे हैं। जिस वजह से कचरे की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। खास बात यह है कि कुछ समय पहले पीलीभीत की कंपनी को इसका ठेका देने पर विचार किया गया था। इस कंपनी ने काम भी करके दिखाया था, लेकिन मामला ठंडा पड़ गया। जिस वजह से शहर की कचरा व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। जबकि कई वार्डों में लोगों ने निजी कचरा उठाने वाले लोगों को लगा रखा है जो कचरा उठाते हैं और शुल्क लेते हैं।

बापू मॉल : सपा सरकार में तोपखाना रोड पर विशाल शॉपिंग कांप्लेक्स बापू मॉल तैयार किया गया था। नगर विकास विभाग की सेवरा योजना के माध्यम से करीब 24.96 करोड़ रुपये की लागत से इस माल का निर्माण कराया गया था। इस मॉल में करीब साढ़े तीन सौ से ज्यादा दुकाने बनाई गई हैं। बापू मॉल को सीएनडीएस के माध्यम से पालिका के हैंडओवर किया गया था। इसके बाद भी बापू मॉल की दुकानों का आवंटन पूरी तरह से नहीं किया जा सका। आलम यह है कि लापरवाही और सुस्ती की वजह से आज भी नगर पालिका सरकार की किश्तें चुका रहा है। जिससे वित्तीय व्यवस्था भी लड़खड़ा रही है।

– अभी टैंपो स्टैंड और फ्लैक्सी का ठेका नहीं हो सका है। बोर्ड बैठक के बाद इन सभी पर विचार किया जाएगा। पिछला बकाया जो रह गया है उसके लिए संबंधित ठेकेदारों को आरसी भी भेजी जा चुकी है। -सना खानम, पालिकाध्यक्ष, रामपुर

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