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रामपुर। बेसिक स्कूलों में शिक्षक-छात्र संख्या का अनुपात गड़बड़ाया हुआ है। किसी स्कूल में 282 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ दो ही शिक्षकाें की नियुक्ति है तो किसी स्कूल में 108 बच्चों को 13 शिक्षक पढ़ा रहे हैं। ऐसा हाल नगर क्षेत्र के अधिकतर स्कूलों का है। इसके चलते तमाम बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है।
जिले के 1596 बेसिक स्कूलों में से नगर क्षेत्र में 53 स्कूल है। नगर क्षेत्र के इन स्कूलों में 167 शिक्षक तैनात हैं। इनमें 10 स्कूल एक ही शिक्षक अथवा शिक्षामित्र के सहारे संचालित हो रहे हैं। वहीं तीन स्कूल शिक्षक न होने के चलते बंद हो चुके हैं। देखा जाए तो 40 स्कूलों में बच्चों को 157 शिक्षक पढ़ा रहेे हैं। इनमें कई स्कूलों में शिक्षक-छात्र संख्या के अनुपात का ध्यान नहीं रखा गया है।
नियमानुसार 35 छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए कम से कम एक शिक्षक की नियुक्ति होनी चाहिए। पड़ताल में यह सामने आया कि कुछ स्कूलों में औसतन 10 से भी कम बच्चों पर एक शिक्षक को नियुक्त कर दिया गया है तो वहीं कुछ स्कूलों में 141 बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी केवल एक ही शिक्षक पर है। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग में स्कूलों में हुई शिक्षकों की नियुक्तियों पर सवाल उठे रहे हैं।
सर्वाधिक शिक्षक और कम छात्र संख्या वाले शीर्ष पांच स्कूल
स्कूल छात्र शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय शहजादनगर 108 13
प्रावि. घेर सैफुद्दीन खां 72 05
प्रावि. सराय गेट 87 04
प्रावि. गंगापुर 58 03
कंपोजिट स्कूल पसियापुरा शुमाली 40 02
सर्वाधिक छात्र संख्या और कम शिक्षक वाले शीर्ष पांच स्कूल
स्कूल छात्र शिक्षक
उच्च प्राथमिक विद्यालय अजीतपुर 282 02
प्रावि. घेर कटेबाज खां 267 03
कंपोजिट विद्याालय मड़ैयान शादी 156 02
कंपोजिट विद्यालय अजयपुर 184 03
कंपोजिट विद्यालय कमरलका 202 04
शिक्षकों की नियुक्ति शासन स्तर से होती है और शासन से ही इनका स्कूलों में तबादला किया जाता है। अब व्यवस्था पहले से ही ऐसी है। इसको बदलने में समय लगेगा।
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