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रामपुर।
सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में पुलिस ने कई माह की तफ्तीश के बाद करीब 400 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसको संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए 430 पेज में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने पूरे फैसले में 70 दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ ही अभियोजन की ओर से पेश किए गए। 15 गवाह और बचाव पक्ष की ओर से 19 गवाहों के साथ ही हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की नजीरों को भी फैसले में शामिल किया है।
भाजपा के विधायक आकाश सक्सेना ने तीन जनवरी 2019 को गंज थाने में सपा के स्वार टांडा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खां के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र रखने का मामला दर्ज कराया था। इस प्रकरण में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां और डाॅ. तजीन फात्मा को भी आरोपी बनाया गया था। गंज थाने के प्रभारी रहे नरेंद्र कुमार त्यागी व किशन अवतार सिंह ने तफ्तीश के बाद इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। विवेचकों ने वादी मुकदमा आकाश सक्सेना, लखनऊ नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एसके रावत, सेंट पॉल्स स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज पाठक, रामपुर पालिका के सब रजिस्ट्रार तेजपाल सिंह वर्मा, आयकर अधिकारी विजय कुमार, पासपोर्ट अधिकारी मोहम्मद नसीम और कन्नौज के एडीएम गजेंद्र कुमार के बयान दर्ज करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की।
पुलिस की ओर से करीब 400 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी, जबकि आजम, अब्दुल्ला और तजीन ने अपने बचाव में 19 गवाहों को कोर्ट में पेश किया था, जिसमें उनके द्वारा पारिवारिक रिश्तेदारों को शामिल किया था। कोर्ट रूम में इस दौरान एक समारोह की सीडी भी चलाई गई थी। साथ ही सीडी को पत्रावली पर दाखिल किया था। चार्जशीट दाखिल होने के बाद इस मामले में बुधवार को कोर्ट ने जब फैसला सुनाया तो उसमें 430 पेजों में फर्जीवाड़े की पूरी कहानी लिखी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की नजीरों को शामिल किया है।
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