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रामपुर। आचार संहिता के उल्लंघन के एक मामले में पूर्व विधायक अली यूसुफ अली को कोर्ट ने राहत दी है। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया है।
आचार संहिता के उल्लंघन का यह मामला भोट थाना क्षेत्र का है। 2012 में विधानसभा चुनाव में अली युसूफ अली बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। उन पर आरोप है कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके बैनर व पोस्टर चस्पा सरकारी भवनों पर लगे हुए थे, जिस पर वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी वसीम मियां ने भोट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले की तफ्तीश करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इस मुकदमे का फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कई सुबूत पेश किए,जबकि बचाव पक्ष की ओर से आरोपों को झूठा बताया गया। अधिवक्ता महबूब अली पाशा ने बताया कि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद साक्ष्य के अभाव में पूर्व विधायक युसूफ अली को बरी कर दिया।
सात मामलों में राहत, दस का फैसला आना बाकी
पर्व विधायक अली युसूफ अली के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में आचार संहिता उल्लंघन के 17 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें अब तक सात मामलों में फैसला आ गया है, जिसमें कोर्ट ने सात मामलों में बरी कर दिया, जबकि दस मामलों में फैसला आना अभी बाकी है।
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