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रामपुर। उत्तराखंड सीमा से सटे गांव मनिहारखेड़ा में रविवार को ईसाई समाज के लोगों ने ग्राम प्रधान पक्ष पर कब्रिस्तान की कब्रें क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मौके पर दोनों पक्षों के कई लोग इकट्ठा हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच पंचायत कराकर समझौता करा दिया। ग्राम प्रधान ने क्षतिग्रस्त कब्रों का तत्काल निर्माण कराकर देने की बात कही है।रविवार दोपहर करीब 11 बजे ईसाई समाज के कई लोग गांव मनिहारखेड़ा स्थित चर्च के पास इकट्ठा हुए। इस दौरान ईसाई समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि निर्माणाधीन श्मशान घाट के पास ही उनका कब्रिस्तान हैं। आरोप था कि श्मशान घाट के निर्माण को जाने वाली सामग्री भरी ट्रैक्टर ट्राॅलियां उनके कब्रिस्तान में से निकाली जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने ग्राम प्रधान पर जेसीबी से कुछ कब्रों को क्षतिग्रस्त करने का भी आरोप लगाया है। सूचना पर ग्राम प्रधान रजनीत कौर के पति भगविंदर सिंह ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे, जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया। इस बीच किसे ने पुलिस को सूचना दी, जिसे पर थाना प्रभारी नवाब सिंह पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। जिसमें ईसाई समाज के लोग ग्राम प्रधान पक्ष पर कब्रिस्तान की कब्रें क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगा रहे थे। जबकि ग्राम प्रधान पति का कहना था कि उन्होंने कोई भी कब्र क्षतिग्रस्त नहीं कराई है।
प्रधान ने कहा कि शमशान घाट की निर्माण सामग्री लेकर जो ट्रैक्टर-ट्राॅली कब्रिस्तान से निकली हैं या जेसीबी से जो कब्रें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। वह उन कब्रों की मरम्मत करा रहे हैं। प्रधान पति ने पुलिस को बताया कि दो अक्तूबर को स्वच्छता अभियान के तहत ईसाई समाज ने उनसे अनुरोध किया था कि वह उनकी कब्रिस्तान की भी सफाई करा दें। सफाई के लिए भेजे गए जेसीबी चालक ने जो गलती की गई उसके लिए उन्हें खेद हैं। पुलिस ने बताया कि सफाई व्यवस्था के दौरान कुछ कब्रें क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। जिन्हें ग्राम प्रधान सही करा रहा है। दोनों पक्षों का आपसी समझौता हो गया है। गांव में किसी तरह का अब कोई भी विवाद नहीं है।
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