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टांडा (रामपुर)।
नगर में गुरुवार को तहसील ज्ञापन देने पहुंचे भाकियू कार्यकर्ताओं और एसडीएम में नोकझोंक हो गई। एसडीएम पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए किसान धरने पर बैठ गए। सूचना पर पहुंचे सीओ और कोतवाल ने मौके पर पहुंच गए। किसानों को समझा बुझा कर शांत करा कर उन्हें वापस घर भेज दिया गया है। उधर, एसडीएम ने किसानों के आरोपों को निराधार बताते हुए किसानों पर झूठा आरोप लगाने की बात कही। साथ ही किसानों द्वारा दिए गए ज्ञापन में की गई मांगो को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा।
गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पूर्व तहसील अध्यक्ष साबिर अली के नेतृत्व में किसान तहसील पहुंचे और उन्होंने पांच सूत्रीय मांग पत्र एसडीएम अरुण कुमार को सौंपा। इसी बीच साबिर अली ने कहा कि उनकी गाड़ी द्वारा शनिवार को अवैध खनन की दो गाड़ियां पकड़ी गई थी, जिन्हें बाद में सांठ गांठ कर छोड़ दिया गया। इतना सुनते ही एसडीएम भड़क गए और उन्होंने साबिर अली से आरोपों के साक्ष्य देने की कहा। जिस पर साबिर ने साक्ष्य न होने की बात कही। जिसके बाद एसडीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए गलत आरोप ना लगाने को कहा। जिसपर किसान भड़क गए और तहसील में भी धरने पर बैठ गए। किसानों के धरने पर बैठने की सूचना पर तुरंत सीओ ओमकार सिंह तथा कोतवाल सुरेंद्र सिंह पचौरी तहसील पहुंचे और उन्होंने किसानों को समझा बुझाकर वापस भेज दिया। वहीं एसडीएम ने कहा कि वह शनिवार को अवकाश पर थे और गाड़ी भी उनके साथ थी तो किसानों द्वारा लगाया गया आरोप पूरी तरह गलत है।
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