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सैदनगर (रामपुर)। क्षेत्र के गांव नगलिया आकिल में 22 बेड का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सफेद हाथी बना हुआ है। यहां पर कोई डॉक्टर न होने की वजह से बीमार लोगों को भटकना पड़ रहा है। इस स्वास्थ्य केंद्र पर केवल एक फार्मासिस्ट और सफाईकर्मी आकर ड्यूटी कर लौट रहे हैं। ऐसी स्थिति तकरीबन एक साल से बनी हुई है।
ग्राम पंचायत नगलिया आकिल की आबादी 30 हजार के करीब है। ऐसे में लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से इस गांव में 22 बेड की पीएचसी बनाई गई थी। इसमें 40 लाख रुपये का बजट खर्च हुआ था। इस उम्मीद के साथ कि यहां पर सर्दी-खांसी, बुखार और अन्य आम बीमारियों के रोगियों का उचित ढंग से इलाज हो सके और उनको शहर में दूर-दराज भागना न पड़े। लेकिन वर्तमान में यह स्वास्थ्य केंद्र लोगों के लिए केवल सफेद हाथी साबित हो रहा है। स्वास्थ्य केंद्र पर एक डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट सहित पांच लोगों का स्टाफ तैनात होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में यहां पर केवल एक फार्मासिस्ट और सफाई कर्मचारी आकर ड्यूटी कर रहे हैं। डॉक्टर न होने की वजह से लोगों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। बुखार और डेंगू-मलेरिया के दौर में गांव के लोग इलाज कराने के लिए निजी डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। यहां पर इलाज कराने में उनकी जेबें ढीली हो रही हैं। गांव के समाजसेवी हाजी अब्दुल माजिद ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर की तैनाती होना बहुत जरूरी है। अब्दुल वाहिद, सरफराज, अहमद, जावेद, निक्की, वाहिद, खालिद आदि लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर डॉक्टर की तैनाती की मांग की है।
बोले लोग
गांव में अस्पताल बना हुआ है, लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। इसलिए स्वास्थ्य अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना होगा।
-हाजी अब्दुल माजिद
अस्पताल में डॉक्टर की तैनाती हो जाए तो काफी लोगों को राहत मिलेगी। वरना इलाज के लिए निजी डॉक्टर अथवा अस्पताल तो दौड़ ही रहे हैं।
-अब्दुल वाहिद
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर नहीं है। इसकी जानकारी कराई जाएगी। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कम से कम एक डॉक्टर की तैनाती अवश्य होनी चाहिए।
-डॉ. एसपी सिंह, सीएमओ।
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