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रामपुर। जिले में बड़े निवेश की राह में जमीन का अड़ंगा लग रहा है। सात बड़े उद्यमी करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें जमीन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। इसके चलते औद्योगिक इकाइयां नहीं लग पा रही हैं। इसके अलावा विनियर प्लांट के लिए लाइसेंस न मिलने के चलते भी कई इकाइयां स्थापित नहीं पा रही हैं।प्रदेश सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रदेश में निवेश लाने के लिए ही पिछले साल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था। इसके अलावा जिला स्तर पर भी इनवेस्टर समिट का आयोजन हुआ था, जिसमें उद्यमियों ने करोड़ों रुपये के निवेश का वादा किया था। साथ ही एमओयू भी साइन किए गए थे। रामपुर में 562 निवेशकों ने उद्योग लगाने के लिए आवेदन किया था। जिसमें सबसे ज्यादा 363 प्रस्ताव विनियर प्लांट के और 130 एमएसएमई के थे।
हालांकि, अलग-अलग कारणों से कई माह बीतने के बाद भी निवेश के तमाम प्रस्ताव सिर्फ कागजों में ही दौड़ रहे हैं। इन प्रस्तावों को अभी जमीन पर नहीं उतारा जा सका है। इसके पीछे उद्योग लगाने के लिए लाइसेंस मिलने की भी दिक्कत सामने आ रही है। इसके अलावा सात बड़े प्रोजेक्ट को लगाने के लिए जमीन की तलाश अभी पूरी नहीं हो पाई है। प्रशासन की ओर से लगातार जमीन तलाशने का काम किया जा रहा है। इसके लिए एसडीएम को भी जमीन तलाशने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन नतीजा शून्य है।
250 विनियर प्लांट के लिए नहीं मिल रहा लाइसेंस
जिले में 250 विनियर प्लांट (प्लाई बोर्ड फैक्टरी) लगाने के लिए भी आवेदन किए गए हैं, लेकिन लाइसेंस न मिलने के चलते ये प्लांट नहीं लग पा रहे हैं। इनके लाइसेंस एनजीटी की संस्तुति पर वन विभाग की प्रदेश स्तरीय कमेटी जारी करती है। वहां से लाइसेंस न मिलने के चलते विनियर प्लांट के तमाम प्रस्ताव जमीन पर नहीं उतर पा रहे हैं।
इन बड़े प्रोजेक्ट को जमीन की दरकार
-हसीन विनियर मिल
-ड्राइव इन चहल-पहल रेस्टोरेंट
-त्रिवेणी इंजीनियरिंग इंड्रस्ट्रीज प्राइवेट लिमिडेट-कंप्रेस बायोगैस प्लांट
-विनायक विनियर एवं प्लाईइवुड
-एवीएस इंटरनेशनल वेस्ट मैनेजटमेंट
-बालाजी इंड्रस्ट्रीज रेस्टोरेंट व होटल
– फूड प्लांट-:::::
जिले में निवेश के लिए बड़ी संख्या में एमओयू साइन किए गए थे। इनमें अधिकतर प्लाई बोर्ड की फैक्टरी के हैं। इसके लाइसेेेंस के लिए उद्यमी प्रयासरत हैं। सरकार की ओर से उद्योगों की स्थापना में पूरा सहयोग मिल रहा है। जिन उद्यमियों को कोई परेशानी हो वे अपनी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर जिला उद्योग केंद्र में संपर्क कर सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।
– विपिन कुमार, चेयरमैन, आईआईए रामपुर
जिन उद्यमियों ने एमओयू हस्ताक्षरित किए थे, उसमें लगभग 46 उद्योग शुरू हो चुके हैं। अगले छह माह में 50 और उद्योग शुरू हो सकते हैं। जिलाधिकारी भी नए उद्योगों की स्थापना में काफी मदद कर रहे हैं। उद्योग की स्थापना के लिए तमाम औपचारिकताएं पूरी करने में काफी समय लगता है। आईआईए सभी नए उद्यमियों की मदद के लिए तत्पर है। – श्रीष गुप्ता, सचिव, आईआईए रामपुर
सात बड़े प्रोजेक्ट के लिए जमीन तलाश की जा रही है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद चल रही है। सभी एसडीएम से भी जमीन की तलाश के लिए कहा गया है। जल्द ही औपचारिकताओं को पूरा करके उद्योगों के लिए जमीन उपलब्ध करा दी जाएगी। – मुकेश कुमार, उपायुक्त उद्योग
जिले में अब तक 46 प्रोजेक्ट पर काम पूरा हो चुका है। कुछ प्रोजेक्ट अभी प्रगति पर हैं। जल्द ही कई और प्रोजेक्ट चालू हो जाएंगे। इसके लिए सरकारी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैंं। – मलिक सलमान, उद्यमी मित्र
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