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रामपुर। महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा सभा में पारित हो चुका है। इसके तहत अब सदन में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी। सरकार के इस कदम को ऐतिहासिक बताया जा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सांसद और महिलाओं ने कहा कि इससे महिलाओं की सक्रिय राजनीति में हिस्सेदारी बढ़ेगी, जो महिलाओं के अधिकारों के लिए हितकर होगा।पूर्व सांसद जयाप्रदा ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने की सराहना करते हुए कहा कि महिला आरक्षण लागू होने से सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। 19 सितंबर भारत के इतिहास में ”ऐतिहासिक दिन” रहेगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की महिलाओं को सशक्त करने के लिए ऐसा तोहफा दिया है, जिसको भुलाया नहीं जा सकता। पूर्व सांसद ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं और ऐसे समय में विधेयक ”नारी शक्ति वंदन अधिनियम” पारित होने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा और और भारत देश में महिलाएं सशक्त होंगी।
महिलाओं को मिले 50 फीसदी आरक्षण
राष्ट्रीय लोकदल महिला प्रकोष्ठ की रुहेलखंड संभाग की महासचिव सुमन सिंह ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में महिलाओं को पचास फीसदी आरक्षण दिया जाए। कहा कि जितना उत्साह और खुशी कल थी, सरकार ने उसपर पानी फेर दिया। जनगणना के बाद परिसीमन होकर इस बिल को लागू किया जाएगा। तब तो अगले 5-6 साल तक ये लागू होने वाला नहीं है। जब आप इसे लागू ही नहीं कर रहे हैं तो आप इस बिल को लेकर क्यों आए। सवाल किया कि क्या ये केवल 2024 के चुनाव के मद्देनजर एक घोषणा मात्र है।
महिला आरक्षण विधेयक से मजबूत होगा लोकतंत्र
केंद्रीय उपभोक्ता सहकारी भंडार लिमिटेड की संचालक संगीता रानी भाटिया ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेेयक के नाम से महिला आरक्षण विधेयक के लाने पर हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह महिला आरक्षण विधेयक 27 वर्षों से लटका हुआ था और इस विधेयक को नए प्रारूप में लाने का उद्देश्य महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देना है। यह आरक्षण आगामी 15 वर्षों के लिए है। केंद्र सरकार के इस कदम को हम महिलाएं नारी सशक्तिकरण के साथ-साथ नारी शक्ति वंदन के रूप में भी देखती हैं। इस विधेयक के पास होने से लोकतंत्र और मजबूत होगा।
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