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रामपुर की रजा लाइब्रेरी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कुमार विश्वास
– फोटो : संवाद
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प्रख्यात कवि एवं साहित्यकार डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि रामपुर रजा लाइब्रेरी आना मेरे लिए अद्भुत अनुभव है। यह शहर गजल का अखाड़ा रहा है। ऐसे में यहां के बारे में क्या कहना है? उन्होंने राजनीति को लेकर किए गए सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की। रामपुर पहुंचे डाॅ. कुमार विश्वास ने शनिवार की रात में रजा लाइब्रेरी में आयोजित समारोह का आगाज करने के बाद मीडिया से बातचीत की।
कहा कि हमारा देश मनीषियों का देश है। यहां केवल भाषाई विविधता नहीं है। यह देश सांप्रदायिक सौहार्द का भी प्रतीक है। कहा कि मेरे लिए तो लाइब्रेरी आना एक अद्भुत अनुभव रहा। यहां मेरे पूर्वजों की पुस्तकों को याद के रूप में संजोया गया है। पूर्वजों की लिखी किताबों को छूने का अवसर मिला।
उन्होंने मधुमालती, मलिक मोहम्मद जाएसी, उपवन जैसी पुस्तकों को देखा। उन्होंने रामपुर के लोगों व आयोजकों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि रामपुर गजल का पुराना अखाड़ा है। रामपुर के बारे में वह अपना तफसरा कैसे कर सकते हैं क्योंकि वह आम भाषाई लोग हैं।
कहा कि रामपुर की रजा लाइब्रेरी बेहद खूबसूरत है। इसका नाम पहले काफी सुना था, लेकिन आज सौभाग्य है कि यहां आने का मौका मिला। सियासत के सवाल पर डा.कुमार विश्वास ने टाल दिया। कहा कि इस बारे में नो कमेंट। कोई इस पर सवाल नहीं करें।
लेजर शो के जरिये दिखाई रजा लाइब्रेरी के 250 साल के सफर की झलक
ऐतिहासिक रजा लाइब्रेरी के 250वें स्थापना दिवस महोत्सव का शनिवार शाम को आगाज हो गया। लाइट एंड साउंड शो के जरिये रामपुर रजा लाइब्रेरी के 250 साल के सफर की झलक को दिखाया गया। प्रख्यात कवि डाॅ. कुमार विश्वास की मौजूदगी में हुए लेजर शो ने लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
इस दौरान उन्होंने लाइब्रेरी का भ्रमण किया साथ ही यहां लगाए गए पुस्तक मेले की भी शुरुआत की।रामपुर रजा लाइब्रेरी के 250वें स्थापना दिवस कार्यक्रम की शुरुआत रजा लाइब्रेरी में आयोजित लेजर शो के जरिये हुई। यहां के कार्यक्रम का आगाज प्रख्यात कवि डाॅ. कुमार विश्वास ने किया।
लाइब्रेरी का भवन रंग बिरंगी रोशनी से नहा उठा। लेजर शो के जरिये लाइब्रेरी की स्थापना से लेकर अब तक के सफर को दिखाया गया। दिखाया गया कि किस तरह रामपुर के पहले नवाब फैजुल्ला खां रामपुर आए और उन्होंने लाइब्रेरी की स्थापना की। इसके बाद किस तरह यह लाइब्रेरी एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी बन गई।
लाइब्रेरी में शानदार लाइटिंग के बीच करीब एक घंटे तक लाइब्रेरी के इतिहास व वर्तमान परिस्थितियों को दिखाया गया। बैक ग्राउंड आवाज के साथ ही शानदार लाइटिंग ने हर किसी को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस दौरान लोगों ने तालियां बजाईं। इससे पहले डाॅ. कुमार विश्वास ने रजा लाइब्रेरी को देखा।
साथ ही पुस्तक मेले का भी उद्घाटन किया। पुस्तक मेले के साथ ही यहां लाइब्रेरी की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी को भी देखा, जिसे देखकर मुख्य अतिथि गदगद हो गए। इस मौके पर राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, सांसद घनश्याम सिंह लोधी, शहर विधायक आकाश सक्सेना, पूर्व सांसद बेगम नूरबानो कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह, जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
पुस्तक मेले में तीन लाइब्रेरियों की पुस्तकों को सराहा
रजा लाइब्रेरी में रजा लाइब्रेरी समेत तीन पुस्तकालयों की ओर से पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें खुदा बख्श लाइब्रेरी के साथ ही पटना की लाइब्रेरी की ओर से भी प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शन में भारी संख्या में लोग यहां पुस्तकों को देखने पहुंचे हैं।
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