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![Sri Lanka: श्रीलंका में जल्द भारतीय रुपये से कर पाएंगे लेनदेन, राष्ट्रपति के भारत दौरे के बाद बन रही योजना Sri Lanka is considering the possibility of allowing the usage of the Indian rupee for local transactions](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/04/28/750x506/man-found-one-crore-19-lakh-cash-inside-second-hand-almirah_1651151360.jpeg?w=414&dpr=1.0)
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : Pixabay
विस्तार
हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत दौरे पर आए थे और यहां उन्होंने अपने संबोधन में श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था में भारतीय रुपये के उपयोग को बढ़ाने का आह्वान किया था। वहीं अब श्रीलंकाई विदेश मंत्री अली साबरी ने शनिवार को कहा कि श्रीलंका भारतीय पर्यटकों और व्यापारियों की सुविधा के लिए डॉलर, यूरो और येन की तरह स्थानीय लेनदेन के लिए भारतीय रुपये के उपयोग की अनुमति देने की संभावना पर विचार कर रहा है।
अगर श्रीलंका में भारतीय रुपये को प्रत्यक्ष उपयोग की अनुमति देने से भारतीय पर्यटकों और व्यापारियों के लिए एकाधिक मुद्रा रूपांतरण की आवश्यकता को रोका जा सकेगा। साबरी मीडिया को राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की 20-21 जुलाई की भारत यात्रा के बारे में जानकारी दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि दोनों नेता दोनों देशों के बीच बंदरगाह कनेक्टिविटी के महत्व पर सहमत हुए। वहीं अगले स्तर तक पहुंचने के लिए हमें निवेश की जरूरत है। हमने उन तरीकों पर चर्चा की जो दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से फायदेमंद होंगे। न केवल दोनों सरकारों के बीच बल्कि निजी क्षेत्र के बीच गठजोड़ पर जोर दिया गया।
आगे अली साबरी ने कहा कि दक्षिण भारतीय क्षेत्र में व्यापक आर्थिक विकास से श्रीलंका को लाभ होने की संभावना पर विचार किया गया। दोनों नेताओं के बीच कोलंबो और त्रिंकोमाली और दक्षिण भारतीय क्षेत्र के बीच बंदरगाह साझेदारी की आवश्यकता पर सहमति हुई।
श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कहा कि भूमि साझेदारी के लिए पुल बनाने या मौजूदा नौका सेवाओं को जारी रखने पर आवश्यक अध्ययन जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के डिजिटलीकरण में मदद के लिए एक भारतीय विश्वविद्यालय को शामिल करने पर भी चर्चा की गई।
भारत दौरे पर कही थी ये बात
भारत दौरे पर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा था कि उनका देश चाहता है कि भारतीय रुपये का इस्तेमाल अमेरिकी डॉलर के बराबर हो। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर भारत (भारतीय रुपया) एक साझा मुद्रा बना जाता है तो हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें यह पता लगाना होगा कि इसे कैसे किया जाए। हमें बाहरी दुनिया के लिए और अधिक खुला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया विकसित हो रही है और भारत तेजी से विकास के दौर से गुजर रहा है, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में।
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