[ad_1]
![Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक पीठ को भेजा दिल्ली अध्यादेश मामला, पांच जजों की बेंच करेगी सुनवाई supreme court refer delhi ordinance case to five judge constitutional bench centre vs aap government](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/04/25/750x506/saparama-karata_1682428484.jpeg?w=414&dpr=1.0)
सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली अध्यादेश का मामला संवैधानिक पीठ को भेज दिया है। पांच जजों वाली संवैधानिक पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी। बता दें कि अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए थे कि वह इस मामले को संवैधानिक पीठ के पास भेज सकते हैं। गुरुवार को फिर से दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पांच जजों की संवैधानिक पीठ के पास भेजने का आदेश दिया।
क्या है दिल्ली अध्यादेश
दिल्ली अध्यादेश 2023 के तहत राजधानी दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति का अधिकार उपराज्यपाल को दिया गया है। इस अध्यादेश के तहत केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन किया है। इस अथॉरिटी में दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव को सदस्य बनाया गया है। यह अथॉरिटी ही दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले का फैसला करेगी। हालांकि इस अथॉरिटी में मतभेद होने पर अंतिम फैसले का अधिकार उपराज्यपाल को दिया गया है।
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच जारी रस्साकशी
दिल्ली में प्रशासन को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच रस्साकशी चल रही है। इसके चलते यह विवाद सुप्रीम कोर्ट गया, जहां 11 मई को दिए अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति का अधिकार चुनी हुई सरकार को दिया है। वहीं दिल्ली पुलिस, जमीन और सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़े अधिकार केंद्र को दिए गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई, जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 का नाम दिया गया।
इसी मानसून सत्र में अध्यादेश को पास कराएगी केंद्र सरकार
गुरुवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है और केंद्र सरकार इसी सत्र में इस अध्यादेश को पास कराकर कानून बनाने की कोशिश करेगी। वहीं दिल्ली सरकार इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों का समर्थन जुटाने में लगी है। कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार के समर्थन की बात भी कह चुकी हैं।
[ad_2]
Source link