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![Supreme Court: UP में निजी स्कूलों को फीस वापस करने के हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक हटी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला Supreme Court vacates stay on Allahabad High Court order directing private schools adjust pay back during Covi](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/03/17/supreme-court_1679051287.jpeg?w=414&dpr=1.0)
सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर लगी रोक हटा दी है, जिसमें निजी स्कूलों को कोरोना काल यानी 2020-21 सत्र के दौरान ली गई स्कूल फीस का 15 फीसदी समायोजित या भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। रोक केवल उन तीन स्कूलों के पक्ष में लागू होगी, जिन्होंने अपने खातों और बैलेंस शीट का हलफनामा दायर किया था।
इससे पहले कोरोना के दौरान शैक्षणिक सत्र 2020-21 में वसूली फीस में से 15 फीसदी वापस करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों से सुप्रीम कोर्ट ने बैलेंस शीट तलब की थी। साथ ही राज्य प्रशासन को छह सप्ताह तक स्कूलों के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया था। जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा था कि बैलेंस शीट हाईकोर्ट के जनवरी के आदेश को सही ठहराती है तो स्कूलों को फीस लौटानी होगी।
पीठ ने नोएडा के एक स्कूल के वकील से कहा था कि कृपया, हमें यह न बताएं कि अगर माता-पिता के पास पैसे नहीं होते, तो वे भुगतान नहीं करते। वे अपने बच्चों की फीस के लिए भीख मांगेंगे, उधार लेंगे या चोरी करेंगे। हमें आप बैलेंस शीट दिखाएं। यदि पर्याप्त धन है, तो हम आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ने दलील दी थी कि स्कूल ने अपने धन का उपयोग फेलोशिप और छात्रवृत्ति के लिए किया है। पीठ ने कहा था कि हम पिछले पांच वर्षों की बैलेंस शीट देखना चाहते हैं। इसमें प्राप्त फीस, शिक्षकों और कर्मचारियों को भुगतान किए गए वेतन के साथ-साथ यह विवरण भी होना चाहिए कि क्या उक्त अवधि के दौरान उनके वेतन में कोई कटौती हुई थी। बैलेंस शीट में होना चाहिए कि एक अप्रैल 2020 और 31 मार्च 2022 के बीच परिचालन खर्च में कमी आई है या नहीं।
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