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![Tillu Tajpuriya Murder: टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड में छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर, 17 अगस्त को सुनवाई Charge sheet filed against six accused in Tillu Tajpuriya murder case](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/05/04/750x506/gagasatara-tall-ka-hataya-ka-cctv_1683208020.jpeg?w=414&dpr=1.0)
गैंगस्टर टिल्लू की हत्या का CCTV
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दिल्ली पुलिस ने टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड में छह आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोप पत्र दायर किया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अगस्त को सूचीबद्ध किया है।
गैंगस्टर जितेंद्र गोगी के साथ दुश्मनी की शुरूआत होने के बाद से ही गोगी गैंग के बदमाश टिल्लू ताजपुरिया की हत्या करना चाहते थे। कई बार उन लोगों ने हत्या की साजिश रची लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए। लेकिन तिहाड़ जेल में टिल्लू के आते ही महज सात घंटे की तैयारी के बाद घटना को अंजाम दे दिया। स्पेशल सेल के गिरफ्त में आए टिल्लू के चारों हत्यारों योगेश टूंडा, दीपक तीतर, रियाज खान और राजेश बवानिया ने पुलिस को बताया है कि उनलोगों ने हत्या की कैसे तैयारी की और उसे अंजाम तक कैसे पहुंचाया।
हत्यारों ने खुलासा किया है कि 22 अप्रैल को टिल्लू को तिहाड़ जेल संख्या 8 में लाया गया। हत्यारों का सेल टिल्लू के सेल के ऊपर था। टिल्लू के जेल में आते ही सभी हत्यारे उसकी रेकी करने लगे। हत्यारों ने सबसे पहले इस बात पता लगाया कि वह कब अपने सेल से बाहर आता है और वह कैसे उसके पास पहुंच सकते हैं। रेकी करने पर पता चला कि सुबह जब सेल को खोला जाता है तभी उसपर हमला किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए उनको अपने सेल से निकलने का तरीका ढूंढना था।
रियाज जेल के बाहर वेल्डिंग का काम करता था और उसने पहले भी तिहाड़ में सलाखें तोड़ चुका था। इसलिए इस काम में रियाज को लगाया गया। ताकि गेट खुलने से पहले वह बाहर निकलकर टिल्लू तक पहुंच सकें। रियाज ने पुलिस को बताया कि सलाखों को तोड़ने के लिए सबसे पहले उन लोगों ने सेल में जंग लगे रॉड को चुना। उसके बाद उन्होंने गीली चादर में वाइपर का रॉड फंसाकर उसे जैक की तरह इस्तेमाल किया और चादर के एक छोर को सलाख के रॉड में फंसाकर उसकी गांठ बनाने लगे और उसे तब तक अपनी तरफ खींचकर गांठ बनाते रहे जब तक रॉड टेढ़ा नहीं हो गया।
इस बीच दीपक तीतर और योगेश टूंडा चाकू को तैयार करने में जुट गए। इसके लिए उन लोगों ने बैरक में लगे एग्जॉस्ट फैन को खोला। फिर उसके चार क्लीप निकाले। उसको नुकीला और धारदार हथियार बनाने के लिए उनलोगों ने वॉशरूम से एक टाइल्स निकाला। जिसके खुरदरे साइड पर क्लीप को घिसना शुरू किया। हत्यारों ने बताया कि उनकी साजिश का किसी को पता न चले इसलिए कैदियों के सोने के बाद करीब रात 11 बजे से उन लोगों ने यह काम शुरू किया। करीब सात घंटे की मशक्कत उनलोगों ने हथियार तैयार कर लिया और रॉड को इतना टेढ़ा कर दिया, जिससे आसानी से बाहर निकल सकें। छह बजे सुबह जेल कर्मी हाई सिक्योरिटी सेल को खोलना शुरू किया। वहीं चारों हत्यारे पहले ही अपने सेल से बाहर निकल चुके थे। टिल्लू के सेल से बाहर आते ही सभी चादर की मदद से नीचे उतर गए और उसपर हमला कर दिया।
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