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![UP NEWS: कानपुर को दहलाने की साजिश रचने वाले हिजबुल आतंकी के साथी के ठिकाने पर एनआईए का छापा NIA raids hideout of Hizbul terrorist's accomplice](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/04/25/750x506/aataka-ghatanae_1650881942.jpeg?w=414&dpr=1.0)
आतंकी घटनाएं। सांकेतिक चित्र
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने कानपुर में बम धमाकों की साजिश रचने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरूज्जमा के साथी रियाज अहमद उर्फ हजारी के कश्मीर के किश्तवाड़ स्थित घर पर शनिवार को छापा मारा। इस दौरान उसका मोबाइल बरामद कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। बीते पांच साल से फरार रियाज अहमद हिजबुल का डिप्टी डिस्ट्रिक्ट कमांडर है। उसकी गिरफ्तारी पर एनआईए ने तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
बता दें कि सितंबर, 2018 में कानपुर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर एक मंदिर को बम से उड़ाने की साजिश रचने वाले असम निवासी कमरूज्जमा उर्फ कमरुद्दीन को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। जांच में उसका कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के कई कुख्यात आतंकियों से कनेक्शन होने की पुष्टि होने पर इस मामले की जांच एनआईए के सुपुर्द कर दी गई थी। एनआईए की जांच में कश्मीर निवासी ओसामा बिन जावेद और किश्तवाड़ निवासी रियाज अहमद उर्फ हजारी का नाम सामने आया था।
एनआईए ने इस प्रकरण में 11 मार्च 2019 को लखनऊ स्थित एनआईए की विशेष अदालत में कमरूज्जमा और ओसामा बिन जावेद के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। बाद में ओसामा 28 सितंबर 2019 को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। तत्पश्चात एनआईए ने जम्मू-कश्मीर निवासी निसार अहमद शेख, निशाद अहमद बट और दानिश नसीर को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया था।
नौ महीने तक चली थी ट्रेनिंग
जांच से पता चला कि हिजबुल के सक्रिय आतंकी मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी ने ओसामा बिन जावेद और रियाज अहमद के साथ कमरूज्जमा को किश्तवाड़ के जंगलों में नौ महीने तक हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया था। प्रशिक्षण के बाद कमरूज्जमा को आतंकवादी गतिविधियों के लिए यूपी, असम और देश के अन्य हिस्सों में ठिकाने बनाने और टारगेट चुनने का निर्देश दिया गया। इसी वजह से वह कानपुर भी आया था, जहां उसे एटीएस ने दबोच लिया था। एनआईए इस मामले में मोहम्मद अमीन को भी तलाश रही है।
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