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![West Bengal: शुभेंदु का आरोप- सीएम ममता ने अवैध रूप से आईपैक को दिया 152 करोड़ का ठेका, ईडी जांच की मांग Suvendu Adhikari says West Bengal govt illegally granted tender valued Rs 512 crore to I-PAC demands ed probe](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2021/04/13/750x506/suvendu-adhikari_1618323849.jpeg?w=414&dpr=1.0)
Suvendu Adhikari
– फोटो : twitter.com/SuvenduWB
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भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। शुभेंदु ने दावा किया कि नियमों को ताक पर रखकर राज्य के गृह विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय के शिकायत प्रकोष्ठ के लिए कॉल सेंटर स्थापित करने के लिए प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक को अवैध रूप से 152 करोड़ रुपये का ठेका दिया।
उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से आईपैक ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी प्रबंधन का काम करती है। शुभेंदु ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिखकर इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने राज्यपाल से ईडी से इसकी जांच कराने का भी अनुरोध किया है।
शुभेंदु ने आरोप लगाया कि आईपैक को फायदा पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के उपक्रम वेबेल का टेंडर तक रद्द कर दिया गया। टेंडर का मूल्य पहले 120 करोड़ रुपये था, जिसे बाद में 152 करोड़ कर दिया गया। शुभेंदु ने कहा, इसमें मुख्यमंत्री कार्यालय सीधे तौर पर शामिल है। गृह विभाग भी मुख्यमंत्री के पास है। शुभेंदु ने आरोप लगाया कि बंगाल सरकार झूठे प्रचार के लिए आईपैक का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वास्तव में आईपैक एक समानांतर सरकार चला रही है।
यह मुख्यमंत्री की सहमति के बिना संभव नहीं…
शुभेंदु ने कहा कि राज्य सरकार ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग को 2022 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के शिकायत प्रकोष्ठ के लिए कॉल सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सरकार नियंत्रित कंपनी वेबेल को नियमानुसार पहले 120 करोड़ में निविदा मिली। उक्त कंपनी को वर्क आर्डर भी दे दिया गया था। बाद में वेबेल पर टेंडर रद्द करने का दबाव डाला, पर उसके अधिकारी ऐसा करने को तैयार नहीं थे। इसके बाद वेबेल से जिम्मेदारी लेकर एक अन्य सरकारी कंपनी डब्ल्यूटीएल को फिर से टेंडर मंगाने को कहा गया। उसके जरिये शर्तों में ढील देकर आईपैक को 152 करोड़ का टेंडर दिया गया। शुभेंदु ने कहा, इतना सब कुछ मुख्यमंत्री की सहमति के बिना संभव नहीं है।
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