[ad_1]
Prayagraj Student Murder
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
प्रयागराज के खीरी में बवाल का हर साजो-सामान मौजूद था। हजारों की संख्या में लोग लाठी-डंडों से लैस थे। उन्हें भड़काने वाले भी लगातार कोशिशों में जुटे थे कि अमन में खलल पड़े। लेकिन, यह कमिश्नरेट पुलिस के अफसरों की सूझबूझ ही थी कि साढ़े 28 घंटे तक खिंचे घटनाक्रम के बावजूद एक बड़ा बवाल टल गया।
एंबुलेंस में तोड़फोड़ और थाने में पत्थर फेंके जाने के बावजूद धैर्य से काम लेने की रणनीति कारगर रही। नतीजा यह रहा कि जाम तो खुला ही, परिजन शहर आकर अंतिम संस्कार भी करने के लिए तैयार हो गए। सोमवार को हत्या के बाद से शुरू हुए हंगामे को लेकर पुलिस-प्रशासनिक अफसरों ने शुरू से ही सूझबूझ से काम लिया।
मामला दो वर्गों से जुड़े होने के कारण सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने का खतरा था, इसलिए हर एक कदम फूंक-फूंककर रखा गया। एसीपी व डीसीपी की बात को अनसुना किए जाने के बाद मौके पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पवन कुमार परिजनों व ग्रामीणों से लगातार बातचीत करते रहे। तनाव इतना ज्यादा था कि परिजन तहरीर देने को भी नहीं तैयार थे, लेकिन अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के समझाने के बाद लिखित शिकायत दी गई।
तत्काल मुकदमा दर्ज करके टीमों को आरोपियों की तलाश में भी लगा दिया गया। कुछ देर बाद मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान समेत दो को हिरासत में भी ले लिया गया। पुलिस आयुक्त रमित शर्मा और डीएम संजय कुमार खत्री भी पहुंच गए। पुलिस आयुक्त ने पहले थाने पहुंचकर चश्मदीद छात्रा व मृतक छात्र के परिजनों से पूछताछ की।
[ad_2]
Source link