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![जहरीली हो रहीं नदियां: ऑक्सीजन जीरो, उपयोग लायक नहीं पानी, कैंसर से कराह रहा जीवन Industrial units make rivers poisonous in country, Effects life with cancer](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/08/04/750x506/nathaya_1691124741.jpeg?w=414&dpr=1.0)
नदियां
– फोटो : अमर उजाला
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औद्योगिक इकाइयां, स्लाटर हाउस, चीनी मिल, पेपर मिल, केमिकल कारखानों के जहरीले अवशेषों से काली नदी, यमुना और हिंडन प्रदूषित हो गई हैं। इनका पानी पीना तो दूर सिंचाई के लायक भी नहीं है। आसपास के क्षेत्रों में कैंसर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। नदियों की ऐसी दशा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यह मामला गुरुवार को राज्यसभा सदस्य विजयपाल सिंह तोमर ने सदन में उठाया।
उन्होंने कहा कि काली नदी में जहां भी सैंपल लिया गया, इसमें ऑक्सीजन की मात्रा शून्य पाई गई, जबकि टीसीओ 2,80,000 और बीओडी की मात्रा 40 पाई गई। केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार इस नदी के पानी में पारा, कॉपर, जिंक, आर्सेनिक व फ्लोराइड, नाइट्रेट की मात्रा भी बहुत अधिक है।
स्पष्ट है कि काली नदी का पानी पीने लायक तो है ही नहीं, साथ ही ये सिंचाई या अन्य किसी काम के लायक भी नहीं है। आक्सीजन खत्म होने से जलीय जंतु भी गायब हो गए हैं। एनजीटी के आदेश पर काली नदी के किनारे चिकित्सा कैंप लगाए गए थे, जिसमें पाया गया कि नदी के समीपवर्ती गांवों में कैंसर पीड़ितों की संख्या काफी अधिक है।
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