[ad_1]
रामपुर। डेंगू का प्रकोप इतना ज्यादा है कि स्वास्थ्य विभाग इस पर नियंत्रण पाने में नाकाम साबित हो रहा है। इस साल सितंबर माह में डेंगू के रिकॉर्ड 276 मरीज मिले। 2022 में सितंबर में डेंगू के सिर्फ पांच मरीज मिले थे। यानी इस बार सितंबर में डेंगू के पिछले साल की अपेक्षा 55 गुना ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। वहीं पिछले पांच साल का रिकॉर्ड भी टूटा है। इससे पहले 2021, 2020 और 2019 में सितंबर के महीने में डेंगू का कोई मरीज नहीं मिला था। डेंगू का प्रकोप देखकर लग रहा है इस बार सबसे ज्यादा मरीज मिलेंगे।
स्वास्थ्य विभाग के अनुुसार जिले में अब तक डेंगू के 281 मामले सामने आ चुके हैं। 90 लोगों को मलेरिया हो चुका है। डेंगू की शुरुआत अगस्त में हो गई थी, लेकिन अगस्त में सिर्फ पांच मामले ही सामने आए थे। सितंबर शुरू होते ही डेंगू का प्रकोप बढ़ गया। पूरे महीने में 276 मरीज मिले यानी हर दिन औसतन नौ लोगों को डेंगू हुआ। जिले में बारिश के बाद गांवों में जलभराव की समस्या बनी। जिसमें मच्छरों को पनपने का मौका मिल गया। इसके बाद गांव-देहात में लगातार डेंगू के मामले निकलकर सामने आने लगे।
पिछले वर्ष डेंगू के 434 मरीज मिले थे। इनमें अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर में डेंगू के सर्वाधिक 420 मामले सामने आए थे। सितंबर में सिर्फ पांच और अगस्त में नौ लोग डेंगू पॉजिटिव थे। उससे पहले तीन सालों में सितंबर में कोई भी डेंगू मरीज नहीं मिला था। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू के मच्छरों के लिए बारिश के बाद का मौसम मुफीद होता है। हल्की ठंड में भी डेंगू के मच्छर खूब डंक मारते हैं। इस तरह अक्तूबर, नवंबर में डेंगू के मामले और बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है।
इंसेट
बोले डॉक्टर
डेंगू के मच्छर एक फिट ऊंचाई तक उड़ते हैं। इनका असर सुबह व शाम के समय अधिक देखने को मिलता है। इसलिए इस समय लोगों को अपने हाथ-पैर पूरी तरह ढंककर रखने चाहिए। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें तो बचाव संभव है।
इंसेट
-डेंगू के लक्षण
-तेज बुखार
-शरीर मेें दर्द
-आंखों में सूजन व दर्द
-प्लेटलेट्स में गिरावट
बचाव
-घर के आसपास साफ-सफाई
-पूरे आस्तीन के कपड़े पहनना
-रात को सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल
– कूलर का पानी नियमित बदलते रहें।
– फ्रिज की ट्रे में पानी न जमा होने दें।
पिछले पांच साल में सितंबर में डेंगू के मामले
सितंबर 2023-276
सितंबर 2022-05
सितंबर 2021-00
सितंबर 2020-00
सितंबर 2019-00
बयान
डेंगू की रोकथाम के लिए हमारे पास स्वास्थ्य टीमों से लेकर जरूरी संसाधन पूरे हैं। टीमें लगातार सक्रिय होकर गांवों में भ्रमण कर रही हैं। अधिक से अधिक लोगों की जांच कर उनका उपचार शुरू कराया जा रहा है। जिससे बीमारी नियंत्रण में रहे। लोगों से अपील है कि वे अपने आसपास सफाई को बनाए रखे।
-डॉ. केके चहल, जिला मलेरिया अधिकारी
[ad_2]
Source link