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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
बांदा जिले की ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के लिए जारी राशि में 22 सचिवों ने फर्जीवाड़ा कर 1.17 करोड़ का भ्रष्टाचार कर डाला। इसका खुलासा पंचायती राज विभाग के ई-ग्राम स्वराज पोर्टल की रेंडम जांच में हुआ है। इसमें कुछ सचिवों ने एक ही फोटो जियोटैग पर कई जगह काम कराना दिखाकर अपलोड की है।
सबसे अधिक फर्जीवाड़ा गर्मी के मौसम में हैंडपंप मरम्मत, रिबोर, तालाब और गड्ढों में पानी भराने सहित अन्य निर्माण कार्य दिखाकर किया गया है। डीपीआरओ ने इन सभी सचिवों से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं होने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
जिले के कुछ पंचायत सचिव गांवों की विकास योजनाओं में पलीता लगाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही फर्जीवाड़ा कर भ्रष्टाचार करने का मामला पंचायतीराज विभाग में सामने आया है। इसमें ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के लिए पंचम वित्त और 15वां वित्त आयोग की ओर से जारी की गई धनराशि में किया गया है।
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