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![मरना सबको है, कर्म ही जिंदा रहता है: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू बोले- भूखों को रोटी खिला देना ही धर्म है Congress leader Navjot Singh Sidhu visit in Kashi with his wife suffering from cancer](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/07/29/750x506/kagarasa-nata-navajata-saha-sathathha_1690607541.jpeg?w=414&dpr=1.0)
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू
– फोटो : अमर उजाला
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बेबाक अंदाज और बिंदास बोल वाले पूर्व क्रिकेटर व कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शुक्रवार की दोपहर महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अध्यात्म और दर्शन में डूबे नजर आए। पत्रकारों के कुरेदने पर उन्होंने कहा कि लक्ष्मी, शरीर और प्राण चलायमान हैं। मणिकर्णिका घाट पर देखिए, रोजाना कितने शरीर जलते हैं।
सबको जलना है और मिट्टी के नीचे भी जाना है, लेकिन कर्म जिंदा रहता है। मैं, अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को लेकर काशी आया हूं। धर्मस्थली पर धर्म से जुड़ने और अपनी गुरु माई के चरणों में आया हूं। इस धर्मस्थली पर राजनीति या उससे जुड़ी बातें करने नहीं आया हूं।
काशी प्रवास के चौथे दिन पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू मणिकर्णिका तीर्थ पहुंचे। विधि-विधान से पूजा करने के बाद उन्होंने कांग्रेस की पंचक्रोशी यात्रा को रवाना किया। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि गौरवपूर्ण बिताया हुआ एक घंटा कीर्ति रहित युगों से कहीं बेहतर होता है। बुलबुला चाहे एक पल क्यों न जिये, लेकिन सबसे ऊंचा होकर जीता है।
जो समय इस घाट पर गंगा माई के किनारे इतिहास का गौरव को देखते हुए बिताया, वह मेरा सौभाग्य है। इस पुण्य मास में काशी आता ही वही है, जिसने पिछले जन्मों में कुछ अच्छा किया हो। उन्होंने कहा कि गुरुनानक साहब ने कहा है कि सबका भला जो करेगा, वही परमात्मा को समझा है। नारायण ने कहा कि यह जगत एक परिवार है। भगवान शंकर और हमारी गुरु माई पार्वती ने कहा कि विश्व के कल्याण में हम सबका कल्याण निहित है।
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