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रामवीर उपाध्याय की पुण्यतिथि: हाथरस को जिला बनाने में था अहम योगदान, सियासी हल्कों में था बड़ा राजनीतिक दखल

रामवीर उपाध्याय की पुण्यतिथि: हाथरस को जिला बनाने में था अहम योगदान, सियासी हल्कों में था बड़ा राजनीतिक दखल

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Death anniversary of Ramveer Upadhyay

पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय
– फोटो : फाइल फोटो

विस्तार


पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की पुण्यतिथि पर पूरा हाथरस उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। हाथरस को जिला बनाने में रामवीर उपाध्याय ने अहम योगदान अदा किया। रामवीर उपाध्याय का सन् 1993 में भाजपा से शुरू हुआ सफर 2022 में भाजपा में आकर समाप्त हुआ, पर उन्हें जो बसपा ने दिया, उसे कोई नहीं भूला सकता।

रामवीर उपाध्याय और मायावती

वर्ष 1996 में रामवीर जब पहली बार चुनावी मैदान में उतरे तो हाथरस को जिला बनाने के लिए काफी प्रयास चल रहे थे। इस दौरान उन्होंने यहां की जनता से वादा किया यदि बसपा सत्ता पर काबिज होती है तो हाथरस को जिला बनवाया जाएगा। रामवीर उपाध्याय चुनाव जीतते ही सरकार में मंत्री बने। बसपा-भाजपा गठबंधन की सरकार में तीन मई 1997 को जिले का दर्जा दिलवाया। उस समय जिले का नाम महामायानगर रखा गया। बाद में इसका नाम फिर से हाथरस हुआ।

शपथ ग्रहण

रामवीर उपाध्याय जिले के साथ अलीगढ़, आगरा, एटा आदि जनपदों में सियासी दखल रखते थे और बसपा के कद्दावर चेहरा थे। रामवीर को बसपा का कैडर वोट तो मिलता ही था। ब्राह्मण समाज का भी वोट तो उन्हें मिलता ही था, साथ ही बसपा कैडर वोट भी। उन्होंने वर्ष 2002 में अलीगढ़ की इगलास विधानसभा सीट से छोटे भाई मुकुल उपाध्याय को बसपा से जीत दर्ज कराई। आगरा से वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी सीमा उपाध्याय को सांसद की सीट पर जीत हासिल कराई। 

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