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निर्माता -निर्देशक अनिल शर्मा की फिल्म ‘गदर 2’ सिनेमाघरों में धमाल मचा रही है। इस फिल्म की सफलता को लेकर सोमवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अभिनेता सनी देओल काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने कहा कि हमारी पहचान हिंदी सिनेमा को लेकर रही है और हमें इस पर गर्व करना चाहिए। हॉलीवुड की तर्ज पर हिंदी सिनेमा को बॉलीवुड क्यों कहें?
मुंबई में आज सोमवार को आयोजित ‘गदर 2’ की सफलता के प्रेस कांफ्रेंस पर अभिनेता सनी देओल ने कहा, ‘हमारी इंडस्ट्री बॉलीवुड नहीं है। हमारी इंडस्ट्री हिंदी सिनेमा की हैं और हमें उसी में गर्व रखना चाहिए। हमें क्यों किसी इंडस्ट्री का नाम लेना है, वह हॉलीवुड है, तो अपने आपको बॉलीवुड क्यों कहें? हम किसी से कम नहीं है। कभी शरमाओ मत कि तुम कौन हो? तुम, तुम हो और कोई नहीं है। आपने आपको जिस दिन पहचान कर काम करोगे, तो दुनिया में आपसे बेहतर कोई नजर नहीं आएगा। हमें अपनी कला, संस्कृति और हमारे देश पर गर्व होना चाहिए।
अभिनेता सनी देओल ने कहा, ‘मैंने अपनी जिंदगी की बहुत लंबी यात्रा देखी है। हमारा पूरा परिवार ही वैसा ही है। हमारे परिवार को पूरा देश जनता है कि हम कैसे हैं? हमने कभी भी अपने काम को लेकर ढिंढोरा नहीं पीटा। पापा ने जिस तरह का सिनेमा किया, आज तक वैसा सिनेमा किसी ने भी नहीं किया। पापा ने हर जॉनर की फिल्मों में काम किया और सारी फिल्में हिट रही हैं। आज का कौन एक्टर बताएगा कि मैने कॉमेडी की, ड्रामा की, एक्शन फिल्में की, ‘सत्यकाम’ और ‘चुपके चुपके’ जैसी फिल्में की और सभी फिल्में हिट रही हैं। न तो आज के जमाने में कोई ऐसा एक्टर है और न तो उस जमाने में कोई ऐसा एक्टर था, सिर्फ पापा थे। जिनकी हर जॉनर की फिल्में हिट रही हैं। लेकिन पापा ने कभी भी अपने काम का ढिंढोरा नहीं पीता। लेकिन जनता जानती थी। हम तो बहुत ही भोले भाले हैं, हमे क्या लेना देना कि इंडस्ट्री में कोई हमारे बारे में क्या बोल रहा रहा है। हम तो जनता के साथ खड़े हैं। और, आज भी जो हो रहा है वह जनता को चाहिए था। जनता ने तारा सिंह, सकीना और परिवार को अपने दिलों में बसाया हुआ है।’
फिल्म ‘गदर 2’ की सफलता को लेकर सनी देओल ने कहा, ‘यह फिल्म इस लिए सफल हुई क्योंकि इस फिल्म से लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। फिल्म में जिस तरह से तारा सिंह और उसके परिवार की कहानी को दिखाया गया है। जनता भी चाहती है कि हमारा भी परिवार ऐसा ही हो। जब तारा सिंह के परिवार पर मुसीबत आती है तो तारा सिंह खड़ा हो जाता है, फिर उसके साथ रब जुड़ जाता है। मुश्किल के वक्त हर परिवार के अंदर रब आ ही जाता है, वहीं परिवार की ताकत होती है, जिसमें चमत्कार होता हैं। इसलिए लोग इस फिल्म से जुड़े रहे हैं। मैं अपने प्रशंसकों से वादा करता हूं कि आगे भी मैं इसी तरह की फिल्में करूंगा।’
इंडस्ट्री में अक्सर चर्चा होती है कि फला फिल्म मॉस के लिए है और फला फिल्म खास दर्शकों के लिए है। इस विषय पर भी सनी देओल ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘लोग कहते हैं कि मॉसेस की फिल्म है, यह क्या होती है। जनता, जनता होती है। हम सब जनता है और आप उनको मॉसेस बोलकर उन्हें नीचा दिखा कर अलग कर रहे हो। आपको अक्ल नहीं है। ऐसी बात करने वालों को इतनी समझ ही नहीं है कि हिंदुस्तान क्या है? हिंदुस्तान को समझो, अपने घर को समझो। बड़ी हैरानी होती है कि लोग दूसरों की नकल कर रहे हैं, इसकी क्या जरूरत है? हमारे यहां इतनी कला थी कि पूरी दुनिया चोरी करके ले गई और वह कहां से कहां पहुंच गए। और, हम उनकी नकल कर रहे हैं। हम अपने आप से कोई नई चीज क्यों नहीं बना सकते हैं? हमसे लोग कहते हैं कि फला फिल्म का सीन कर लेते हैं, मैं समझता हूं कि इसकी जरूरत क्या है? हमारी जिंदगी में कितने किस्से और हादसे हैं, क्या हम नई सीन नहीं सोच सकते हैं। क्यों एक ही चीज के पीछे पड़ना।’
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