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![हाईकोर्ट की टिप्पणी : लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाने के बाद महिलाएं दर्ज करा रहीं झूठी FIR, आरोपी को दी जमानत Women are registering false FIRs after having physical relations for a long time, accused granted bail](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/08/29/750x506/ilhabtha-haiikarata_1661760736.jpeg?w=414&dpr=1.0)
इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि लड़कियों या महिलाओं को कानूनन सुरक्षा मिली है, इसलिए वे लड़कों या पुरुषों को आसानी से फंसाने में कामयाब हो जाती हैं। कोर्ट ने कहा कि अदालतों में बड़ी संख्या में इस तरह के मामले में आ रहे हैं, जिनमें लड़कियां या महिलाएं आरोपी के साथ लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाने के बाद झूठे आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज कराकर अनुचित लाभ उठाती हैं।
कोर्ट ने ऐसे मामलों में न्यायिक अधिकारियों को सजग रहने की जरूरत बताई। कहा कि वे जमीनी हकीकत पर नजर रखें। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने वाराणसी के ओम नारायण पांडेय की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए की। कोर्ट ने कहा कि समय आ गया है कि अदालतों को ऐसे जमानत आवेदनों पर विचार करते हुए बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। कानून पुरुषों के प्रति बहुत पक्षपाती है। प्राथमिकी में कोई भी बेबुनियादी आरोप लगाना और किसी को भी ऐसे आरोप में फंसाना बहुत आसान है।
कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया, फिल्मों, टीवी शो आदि के माध्यम से खुलेपन की संस्कृति फैल रही है। इसका अनुकरण किशोर/युवा लड़के और लड़कियां कर रहे हैं। जब उनके आचरण की बात आती है तो भारतीय सामाजिक और पारंपरिक मानदंडों के विपरीत और लड़की व उसके परिवार के सम्मान की रक्षा के लिए दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठी एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं।
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